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निराशा एवं तनाव पैदा करने वाले कारक

 निराशा एवं तनाव पैदा करने वाले कारक







 यदि मानव की सभी आवश्यकताएं स्वयं ही पूरी होती जाएं , तो हमारा जीवन बहुत ही सीधे - सादे ढंग से चलता जाए , किंतु ऐसा हो नहीं पाता । मानव को जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई प्रकार की • कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । मार्ग में कई प्रकार की रुकावटें खड़ी हो जाती हैं , जिनका संबंध व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन से भी हो सकता है और आसपास के सामाजिक वातावरण से भी । इन बाधाओं के कारण व्यक्ति के जीवन में तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है ।

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