चिंता से छुटकारा पाने के उपाय
चिंता से छुटकारा पाने के उपाय
हमारे ऋषि - मुनियों , ज्ञानियों और मनोवैज्ञानिकों ने चिंता से छुटकारा पाने के लिए काफी सुझाव दिए हैं । आप भी यदि चाहें , तो उनसे काफी लाभ उठा सकते हैं ।
यदि कोई चिंता आपको बहुत परेशान कर रही हो , तो उस चिंता के विषय में अपने किसी विश्वासपात्र के साथ खुलकर बात कीजिए । उसके आगे अपनी सारी चिंताएं कह डालिए । आप देखेंगे कि ऐसा करते ही आपके मन को एकाएक कुछ आराम - सा अनुभव होने लगेगा और वह अपनी चिंताओं को दूर करने का हल ढूंढ़ने लगेगा ।
सभी धर्मों में ईश्वर की प्रार्थना करने को काफी महत्व दिया गया है । इस प्रार्थना का मनोवैज्ञानिक लाभ यह है कि प्रार्थना के दौरान ईश्वर को अपने मन को दुःख देने वाली बातों को बोलकर कह देते हैं , तो उसके बाद हमारा मन काफी शांत हो जाता है और हमें आनंद की अनुभूति होने लगती है ।
यदि संभव हो , तो अपनी सभी चिंताओं के कारणों को लिखने का प्रयास कीजिए । ऐसा करने के पश्चात् आपका मन काफी हलका हो जाएगा और आप शांति अनुभव करने लगेंगे । अब आप उन कारणों को दूर करने का भी प्रयास कर सकते हैं ।
जीवन में जितनी समस्याएं पैदा होती हैं , उनका या तो कोई - न - कोई हल होता है , या कोई भी हल नहीं होता । जिन समस्याओं का कोई हल हो , उसे ढूंढ़ने का प्रयास कीजिए । जिनका कोई भी हल न हो , उन्हें ईश्वर के भरोसे छोड़ दीजिए । उनके विषय में व्यर्थ की चिंता करना छोड़ें । चिंताओं से छुटकारा पाने की यह एक रामबाण औषधि है ।
इस बात पर भी विचार कीजिए कि जो चिंता आपको बहुत सता रही है , आपके जीवन को दूभर बना रही है , वह अधिक - से - अधिक आपको कितनी हानि पहुंचा सकती है । क्या उसके कारण आपको फांसी की सजा हो सकती है ? क्या आपको जेल जाना पड़ेगा ? आपको कितनी आर्थिक हानि उठानी पड़ेगी ? क्या उससे आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा कम हो जाएगी ? क्या उससे आपकी नौकरी चली जाएगी ? इस तरह के प्रश्न अपने मन से पूछिए । जब आपको इन प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर मिल जाए तो स्वयं से यह पूछिए कि चिंता से होने वाली हानि का अधिक महत्व या आपके जीवन का अधिक महत्व है । जब आपको इस विचार - मंथन से उचित उत्तर मिल जाएगा , तो चिंता स्वयं ही आपको छोड़कर भाग जाएगी और आप एक नई शांति का अनुभव करने लगेंगे ।
जितने भी लोग आपके संपर्क में हों , उन सबमें आप निःस्वार्थ भाव से रुचि लीजिए । उनके लिए आप जो भी कर सकते हों , उसे अवश्य कीजिए । इससे आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा और आपको अद्भुत प्रसन्नता का अनुभव होने लगेगा ।
यह बात भी सत्य ही है कि निःस्वार्थ भाव से किया गया काम कई गुणा बढ़कर ब्याज सहित वापस आ जाता है । इसलिए ऐसी सेवा को केवल समय नष्ट करना ही नहीं समझ लेना चाहिए ।
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जवाब देंहटाएंvery beautiful your thinking habit.
जवाब देंहटाएंi like your sentences and follow them and also included them in our daily life style.
जवाब देंहटाएंthank you very much giving me for this information.
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