असीमित इच्छाओं से तनाव
असीमित इच्छाओं से तनाव
प्राणियों की कुछ - न - कुछ मौलिक आवश्यकताएं होती हैं जैसे प्यास , नींद एवं यौन - संबंध स्थापित करने की इच्छा । इनके पूरा होते ही मनुष्य के अतिरिक्त सभी प्राणी शांत हो जाते हैं । को ईश्वर ने मन और बुद्धि भी दे रखी है , इसलिए क्योंकि मनुष्य मनुष्य इन वस्तुओं को प्राप्त करके भी संतुष्ट नहीं होता है और वह इनका अधिक - से - अधिक आनंद उठाना चाहता है । वह झोपड़ी में सोकर ही संतुष्ट नहीं होता है , बल्कि बड़े - बड़े महल बना लेना चाहता है , जो उसकी संतान के भी काम आ सकें ।एक पद प्राप्त कर लेने के पश्चात् उससे भी बड़ा कोई दूसरा पद प्राप्त कर लेना चाहता है । जितना यश , धन और पद की प्राप्ति होती जाती है , उतनी ही उसकी इच्छाएं और अधिक बढ़ती जाती हैं । मानव की परेशानियों का मूल कारण उसकी असीमित इच्छाएं और बेलगाम मन ही है ।
साइकिल वाला स्कूटर चाहता है । स्कूटर वाला कार चाहता है , कार वाला हवाई जहाज की कल्पना करता रहता है । मृत्यु तक व्यक्ति के मन में नई - नई इच्छाएं पैदा होती ही रहती हैं । वे असीमित इच्छाएं ही व्यक्ति के सभी दुःखों का एक मुख्य कारण है । जब वह अपनी किसी इच्छा को पूरा नहीं कर पाता है , तो उसके अंदर तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है ।
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