The Truth Behind The Kalingas - Book Summary
The Truth Behind The Kalingas - Book Summary
चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जय मैं इस धरती का सबसे महान सम्राट बनना चाहता हूँ महाराज बिंदु सास से भी बड़ा चंद्रगुप्त मौर्य से भी बड़ा और इसके लिए मुझे पर हमला करना ही पड़ेगा आज तक किसी ने भी कालिंग पे शासन नहीं किया है कल इंकार आज कार भी वहाँ के आम लोगों के हाथ में अब समय आ गया है कि मैं अपने दादा के अखंड भारत के सपने को पूरा करूँ अब समय आ गया है कि मैं पर हमला करो फ़िल्मकार आज एक ऐसा राज्य था जिसने सम्राट अशोक को इस युद्ध के बाद प्रचंड सम्राट अशोक बना दिया था भारत का इतिहास इतना समृद्ध है कि यहाँ हर शासक की अलग कहानी होती है तो हर साम्राज्य की अपनी गाथा आज इस शो में हम जानेगे भारत के एक महान साम्राज्य कलिंग के बारे में जो मगधराज जैसी बहुत से साम्राज्य और सम्राट अशोक दोनों के इतिहास में कलंक बन गया था
कॉलिंग जिसे हम उड़ीसा के नाम से जानते हैं इसका कुछ पार्ट अब नॉर्थ आंध्र प्रदेश का भी हिस्सा हो गया है लेकिन यह मॉडर्न इंडियन स्टेटस तो भारत की आजादी के बाद बने इसके पहले यहाँ कालिंग साम्राज्य था एक ऐसा स्टेट जिसकी बाउंड्रीज़ इंडिया के एक कोने से दूसरे कोने तक फैली थी जहाँ इंडियन हिस्टरी के सबसे शानदार वो रिवकिन पैदा हुए जहाँ इंडियन हिस्टरी का एक ऐसा वॉर हुआ कि देखने वालों की रूह कांप गई हम इस कहानी में सुनेंगे एक ऐसे वो रियर किंग के बारे में जिसके जैसा चक्रवर्ती सम्राट पूरे भारत में फिर कभी नहीं हुआ
ये कहानी हैं चक्रवर्ती सम्राट अशोक की एक ऐसा हाँ जिसने एक नया इतिहास लिखा एक ऐसा राजा जिसने तलवार उठाई तो वोह चंद अशोक बन गया जिसने अखंड भारत का सपना देखा तो एक ऐसा महायुद्ध हुआ जिसमें 1,00,000 से ज्यादा वॉरियर्स को अपनी जान गंवानी पड़ी और 1,50,000 से ज्यादा वोर्स पूरी तरह घायल हो गए आज हम जानेगे की कलिंग साम्राज्य का महाभारत का ग्रेट एपिक में क्या योगदान था और ऐसा वो कौन सा सीक्रेट था जिसके कारण कालिंग की सेना ने महाभारत में कौरवों का साथ दिया था हम यह भी जान लेंगे कि कल इनके ट्रेड हिस्टरी में ऐसा कौन सा राज़ है जिसने इंडोनेशिया के बाली को एक हिंदू मेजोरिटी आइलैंड बनाया है कलिंग की समृद्धि और हाथियों से जुड़े लगाव को भी समझेंगे जानेगे महाभारत से लेकर आज के मॉडर्न जय कालिंग तक की एक ऐसी जर्नी जो ढेर सारे सवालों और मिस्ट्री से भरी हुई है हम भारत की आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं अंग्रेजों से भारत को आजादी मिले 75 साल हो चूके हैं सेंट्रल गवर्नमेंट ने हर घर तिरंगा अभियान के जरिए देश में हर घर में एक तिरंगा लगाने की अपील की है तिरंगा जिसमें के सी रंग हमारे देश की ताकत और साहस को दिखाता है सफेद रंग शांति और सत्य का प्रतीक है तो वहीं हरा रंग हमारे देश की समृद्धि को दर्शाता है
लेकिन दोस्तों क्या आप बता सकते हैं कि तिरंगे के बीचोबीच बना नीले रंग का अशोक चक्र किस बात का प्रतीक है क्यों इस अशोक चक्र का इतना ज्यादा महत्त्व है इस खास पेशकश में हम जानेगे कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब तो जुड़े रहे हमारे साथ ह्यूमन सिविलाइज़ेशन के सबसे पुराने राज्य में से एक कालिंग ने अपने सैकड़ों साल की हिस्टरी मैं कई महान राजा और महायुद्ध देखें
इस कहानी की शुरुआत होती है हजारों साल पहले महाभारत से इनदिन मिथोलॉजी के हिसाब से राजा बली के पांच पुत्र थे उनके नाम थे अंग बंग कलिंग और सुकमा इन्हीं बेटों के नाम से आगे पांच राजवंश चले आज हम अंग देश को बिहार कहते हैं तो देश अब पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश बन चुका है कलिंग अब उड़ीसा कहलाया जाता है ऐसे ही पौंड और सुकमा अब वेस्ट बांग्लादेश और इंडियन वेस्ट बेंगाल के पार्ट्स बन चूके हैं ऐसा कहा जाता है कि ये पांचों राजबली के अडॉपटेड संस थे रिऐलिटी में ये महर्षि दीर्घतमा के बेटे थे जिन्होंने ऋग्वेद के लिए 140 से 164 की लिखी थी दीर्घतमा के अंधे होने के कारण उनको उनकी पत्नी और बेटों ने छोड़ दिया और गंगा नदी में फेंक दिया राजा बली ने दी दमा को बचाया ऐसा दावा किया जाता है कि राजा बलि को कोई संतान नहीं थी इसीलिए उन्होंने दी इस धमाके योग शक्ति की मदद से अपनी रानी सुदेष्णा को प्रेग्नेंट किया था अंग अंग कालिंग कुंड और सोमा ही वो पांच पुत्र थे इन्हीं से आगे पांच राजवंश चले भी उन्हीं में से एक है कॉलिंग
डाइनैस्टिक इतनी पुरानी है कि द ग्रेट एपिक महाभारत में भी इसका कई बार जिक्र मिलता है ऐसा बताया जाता है कि हस्तिनापुर के राजकुमार दुर्योधन की पत्नी भानुमति का लिंग के राजा चित्रसेन की बेटी थी यही वजह थी कि महाभारत की लड़ाई में कलिंग के योद्धा कौरव सेना की ओर से लड़े थे ये भी दावा किया जाता है की जब द्रौपदी का स्वयंवर हो रहा था तब उस वक्त कालिंग के राजा चंद्रसेन ने भी इसमें हिस्सा लिया था ऐसे ही जब पांडवों ने में अपना नया महल बनाया तो इसकी इनॉगरेशन पर के राजा को भी बुलाया गया था महाभारत में कई जगह कालिंग के साथ युद्ध का सिक्का मिलता है आप सुन चूके हैं कि महाभारत के युद्ध में कलिंग युद्ध कौरव सेना की ओर से लड़े कलिंग के राजा कौरवों के सेनापति में से एक दुर्योधन ने उनको भीम पर आक्रमण करने का हुक्म दिया दुर्योधन की बात सुनकर राजा अपनी बड़ी सेना के साथ भीम की ओर बढ़ें उनकी सेना में हजारों र थे सारे हाथी और पैदल सैनिक थे इस सेना ने भीम को चारों ओर से घेर लिया महा बलशाली भीम भी उनका डटकर मुकाबला करने लगे भीम का गुस्सा देखकर कलिंग सेना में डर बैठ गया भीम ने अपना धनुष खींचकर कलिंग सेना में हाहाकार मचा दिया उसने कालिंग राजा को अपने बाणों से छलनी कर दिया जिससे की मौत हो गई थी महाभारत में ये भी लिखा है कि पांच पांडवों में से एक सहदेव ने कलिंग साम्राज्य को जीत लिया था उन्होंने दम त्रिपुरा को अपनी राजधानी बनाया था इसके बाद करण ने कलिंग से युद्ध करके उसे छीन लिया आगे ऐसा बताया जाता है कि भगवान वासुदेव कृष्ण ने एक राजा को हराया था कलिंग केवल युद्ध के लिए मशहूर नहीं था बल्कि इसका एक धार्मिक महत्त्व ध्यान हिंदू माइथोलॉजी के हिसाब से भगवान शिव ने कलिंग देश में एक बाघ का रूप धारण किया था इसीलिए यहाँ आज भी बागेश्वर रूप में भगवान शिव की पूजा की जाती है ऐसा बताया जाता है कि अर्जुन जब 12 वर्ष के वनवास पर थे तब उन्होंने पूरे भारत की यात्रा करते हुए खेती स्थलों का दर्शन भी किया था उसके बाद जब पांडव भी 12 वर्ष के वनवास पर गए तो वे से होकर गुजरे पांडवों ने कौशिकी नदी जैसे अब बिहार में कोसी के नाम से भी जाना जाता है
पांडवों ने यहीं से अपनी तीर्थ यात्रा शुरू की और सभी पवित्र मंदिरों की मरम्मत की अपने तीर्थ यात्रा के दौरान पांडव वहाँ आ पहुंचे जहाँ गंगा नदी समुद्र में गिरती है ऐसा कहते हैं कि उन्होंने 500 नदियों के बीच में डुबकी लगाने का पवित्र संस्कार किया फिर वे समुद्र के किनारे से उस पर है जहाँ निवास करती थी यहीं से बेहतरीन ई नदी गुजरती थी जिसे अब ओडिशा में बैतरणी नदी के नाम से जाना जाता है महाभारत के युद्ध में के राजा के मरने के बाद कलिंग बिखरने लगा उसकी शक्ति कमजोर पड़ने लगी हालांकि के मरने के बाद उनके वंश के पतीस राजाओं ने कलिंग पर राज़ तो किया लेकिन 364 बीसीई में मगध के राजा महापद्मनन्द आने का लिंक को जीत लिया यहाँ से एक नई हिस्टरी शुरू हो मोहब्बत माँ नंदा की जीत के बाद कलिंग गुलाम बन गया लेकिन उन्हीं के राज़ में कलिंगराज अमीर बनता गया महापद्मनन्द आने यहाँ सूखे से निपटने के लिए कई इरीगेशन प्रोजेक्ट शुरू किए थे तब यहाँ काली मिट्टी के बर्तन और कुछ खास निशानी वाले सिक्कों का चलन था मोहब्बत में नंदा के बाद उनके आठ बेटों ने राज़ किया लेकिन महापद्मनन्द आ के आखिरी राजा को जीस योद्धा ने हराया उसकी कहानी बड़ी इंट्रेस्टिंग है
दोस्तों क्या बता सकते हैं मगध से महापद्मनन्द आकार आज खत्म करने वाला वो कोरियर कौन था जल्दी से कमेंट बॉक्स में लिखिए बेसल महापद्मनन्द जब युद्ध लड़ रहे थे तो उनका राजपाट बिखर गया इसी युद्ध के दौरान कालिंग उनकी पकड़ से छूट गया इसके बाद मगध के दो बड़े राजाओं ने जीतने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन फिर कोई ऐसा भी राजा आया जिसने को अपनी मुठ्ठी में जकड़ने के लिए कई जानें ले ली उसने ये लड़ाई कुछ ऐसी लड़ी मानो इस लड़ाई को जीतने के बाद वो दुनिया का सम्राट बन जाएगा तो कौन था ये राजा क्यों इसके लिए कालिंग को जीतना इतना जरूरी था कलिंग में ऐसी क्या खास बात थी सारे सवालों के जवाब जानने के लिए आपको सुनना होगा हमारा अगला एपिसोड
क्या आपने कभी नोटिस किया है हर रीज़न में कौन सा ट्रेड होगा ये इस बात पर बहुत हद तक डिपेंड करता है कि उस रीज़न की जियोग्राफी कैसी है कलिंग की जियोग्राफी कुछ ऐसी थी कि उसके पास ढेर सारे नैचरल रिसोर्सेज तो थे साथ ही में उसके किनारे पर था विशाल समुद्र जिसे हम वे ऑफ बैंगलोर के नाम से जानते हैं रीसोर्सेस से भरपूर एक ऐसा स्टेट था जहाँ एक स्ट्रॉन्ग मम्मी फल फूल रही थी आज ओडिशा में एक बड़ी मशहूर लेख है जिसे चिल्का लेक के नाम से जानते हैं ये एशिया की लार्जेस्ट लागून हैं जो पे ऑफ बेंगल्स से सटा है कल इनके पास से ही गोदावरी और वैतरणी नदियां बहती थीं कलंक के जिओग्राफिकल लोकेशन कुछ इस तरह थी कि उसकी मरीन रूल्स बहुत अच्छे से डेवेलप हो गए थे इन रूट्स नहीं कालिंग को व्यापार करने के लिए एक बहुत आसान जगह बना दी थी अपने समुद्री रास्तों की मदद से ही दूसरे देशों के साथ बिज़नेस कर पाता था उसका इंपोर्ट और एक्सपोर्ट बहुत अच्छा हो गया था वहीं कारण था कि काफी मजबूत हो गई थी ऐसा बताया जाता है की अर्ली पीरियड में सौल बहुत थी यहाँ बहुत सी बड़ी नदियों के कारण ढेर सारा पानी था आपने हिस्टरी में तो पढ़ा ही होगा कि अक्सर अगली ह्यूमन्स ऐसी जगहों पर आकर बसते थे जहाँ फोर्ड आइलैंड हो और पीने और खेती करने के लिए ढेर सारा पानी हो इस वक्त आपके दिमाग में कुछ एशियन सिविलाइजेशन के नाम याद आ रहे होंगे कौन से थे वो क्या आप नीचे कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं खैर हम वापस आते हैं कलिग पर और ढेर सारे ड्रिंकिंग वाटर के कारण यहाँ आकर बस गई थीं इन्हें कहा जाता था छठवीं सदी में का मॉडर्नाइजेशन शुरू हुआ कहा जाता है की यहाँ सबसे पहला काम मेटल से रिलेटेड था आइरन से बने औज़ारों की मदद से खेती में मदद मिलती थी जिससे फसलें भी बहुत होती थी मोरिन पीरियड में ही अखंड भारत का निर्माण हुआ चाइनीज ट्रैवेल रफिया ने लिखा है कि मौर्यन पीरियड भारत का गोल्डन पीरियड था जिसके राजा सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने देख रेख में चाणक्य से अर्थशास्त्र नाम का ग्रंथ तैयार करवाया जिसमें फाइनैंस ट्रेड ऐग्रिकल्चर जस्टिस और ऐडमिनिस्ट्रेटिव लॉस लिखे गए थे चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने देख रेख में नैश्नल और इंटरनैश्नल फाइनैंशल पॉलिसीस भी बनवाई उस वक्त इकॉनमी ज्यादातर खेती और व्यापार पर आधारित कलिंग में बने कपड़े और मसालों का एक स्पोर्ट तो चीन रॉन्ग जैसे देशों तक होता था इसी दौर में चांदी और पीतल के पंच मार्ग वाले सिक्के चलते थे सफर को आसान बनाने के लिए मजबूत और चौड़ी सड़के थी
उन्हें राज्य की इंटरनल और एक्सटर्नल बॉर्डर से भी जोड़ा गया था उस वक्त मेजरमेंट के लिए सिस्टम भी डेवलप किया गया था चाणक्य के लिए की अर्थ शास्त्र के मुताबिक ईस्टर्न घट्स में बहुत सारे नैचुरल रिसोर्सेस होने के कारण उनसे जुड़े प्रोडक्ट्स भी खूब बिकते थे इनमें लोहा कीमती जेम्स स्टोन और कोयला शामिल थे इन्हें खरीदने के लिए विदेशों से भी लोग में आया करते थे उस वक्त के राजा की रिसोर्सेस पर मनोपली थी गल एक जंगलों से मिलने वाली ढेर सारी लकड़ियों के कारण यहाँ पर बिज़नेस भी गुरु होता था इसका उपयोग कॉन्स्ट्रक्शन के साथ साथ बिज़नेस वेहिकल जैसे कार्बन और बड़ी बॉक्स बनाने में भी होता था इन जंगलों में कई सारे हाथी भी पाए जाते थे जिनसे यहाँ हाथ ही व्यापार भी किया जाता था कई हिस्टरी जर्नल के हिसाब से मैं हाथी दांत यानी का व्यापार भी किया जाता था इसके अलावा चावल गेहूं बाजरा हीरे लोहे के औजार डैम पर पत्थर के प्रोडक्ट्स भी एक्सपोर्ट किए जाते थे इन सबके कारण की और बड़ी संख्या में विदेशी व्यापारी आने लगे ये व्यापारी समुद्र के रास्ते से ही आते थे
कॉलिंग ही वो राज्य था जहाँ से भारत दुनिया के दूसरे देशों से जुड़ सकता था जल्द ही कलिंग ने श्रीलंका वाली और बर्मा जैसे देशों के साथ ट्रेड रिलेशन बना लिए बाली उन चार आइलैंड का हिस्सा था जिसे आज इन्डोनेशिया कहते हैं कलिंग के लोगों ने नाम की पार्टी बना ली थी इन जहाजों के ढांचे ताबे के होते थे और इनमें एक बार से 700 इंसान और जान पर सवार हो सकते थे इन्टरेस्टिंगली कभी बे ऑफ बंगाल को सागर भी कहा जाता था क्योंकि उस वक्त बे ऑफ बंगाल की इन जहाजों से भरा होता था कलिंग राज्य में व्यापारियों के लिए एक विशेष मैन्युअल भी तैयार की गई थी जिसका व्यापारियों को हर हाल में पालन करना पड़ता था को तोड़ने वाले व्यापारियों को सजा और भारी जुर्माना भी चुकाना पड़ता था समुद्री मार्गों को इस बात से समझा जा सकता है की गाली दास ने अपने रघुवंश नामक रचना में गली के राजा को समुद्र का देवता कहा है जैसे जैसे अमीर होता गया यहाँ रिलिजियस लाइफ स्टाइल भी बढ़ने लगी आप नोटिस कीजिये की हिस्टरी मैं जो भी राजा अमीर होते थे वहाँ बड़े बड़े मंदिर मस्जिद या दूसरे रीलिजस प्लेसेस डेवलप हुई है ऐसे राज्यों में खूब हवन पूजन होता है दान धर्म होता है राजा से मदद मांगने लोग दूर दूर से पहुंचते हैं ऐसे ही जो राज्य अमीर होता है उसकी मिलिट्री पावर भी खूब होती है व्यापार की नजर से देखें तो जिसकी मिट्टी में कलिंग उसकी तिजोरी में सबसे ज्यादा सोना तभी तो अशोक की नजर भी घर पर थीं सोने के अलावा सम्राट अशोक की नजर कालिंग के हाथियों पर भी थी आप सोच रहे होंगे की ताकतवर राजा बनने में हाथियों का क्या हाथ है हाथ है एक बहुत बड़ा हाथ है लेकिन इसका जवाब सुनने के लिए आपको हमारे साथ अगले एपिसोड में चलना होगा अगले एपिसोड में सुनेंगे कल इनके डिफरेंट पावर के बारे में
चलिए इस एपिसोड की शुरुआत हम एक सवाल के साथ करते हैं क्या आप बता सकते है की ह्यूमन सिविलाइज़ेशन में सबसे पुराना ऐसा कौन सा जानवर है जिसे पालकर हम इंसानों ने अपने कई मुश्किल काम आसान कर लिए हैं सोचिये सोचिये चलिए मैं ही बता देता हूँ वो जानवर है हाथी जिसका जिक्र हमारे एशियन पुराणो में भी मिलता है के हिसाब से भगवान शिव ने जब अपने पुत्र श्री गणेश का सिर काटा तो अपनी गलती सुधारने के लिए गणेश जी को एक हाथी का ही सिर काट कर छोड़ा गया इसके अलावा महाभारत और में भी हाथियों का एक मेजर मेन्शन मिलता है हजारों साल पुरानी ये स्पीशीज़ आज भी हमारे साथ है जैसा कि आपने पिछले एपिसोड में सुना की कल ही नैचुरल रिसोर्सेस से संपन्न राज्य था कलिंग के घने जंगलों में बड़ी संख्या में हाथी पाए जाते थे ऐसा बताया जाता है कि भारत में हाथियों को पालने की शुरुआत से ही हो चुकी है कई मेन्शन रॉक पेंटिग्स में भी हाथ ही नजर आते हैं ऐसा अंदाजा लगाया जाता है की 6000 इंसानों ने हाथियों को पालना शुरू कर दिया था और ये पीरियड में हाथी बहुत महत्वपूर्ण थे दरअसल हाथ ही बड़े पॉवरफुल जानवर होते हैं वो बहुत सारा वजन उठा सकते हैं उनकी ताकत इतनी होती है कि उन्हें ट्रेन किया जाए तो युद्ध में दुश्मन के छक्के छुड़ा सकते हैं हाथी कठिन रास्तों नदियों को आसानी से पार कर सकते हैं इसलिए उनका इस्तेमाल सेना को आगे मार्च करवाने और घने जंगलों से रास्ता बनाने के लिए भी किया जाता रहा है बहुत ही उस वक्त कंस्ट्रक्शन के काम में बड़े मददगार होते थे उनका सबसे बड़ा रोल तो युद्ध के दौरान होता था महाभारत बताया तो नहीं कौरवों की ओर से लड़ी वे कुशल एलिफेंट फॉर हिस थे मोरया डाइनैस्टी में हाथियों का बहुत इम्पोर्टेन्ट था इसके अनुसार कौन सेना में 60,000 इन्फैन्ट्री 1000 कैलरी और 700 हाथी थे चाणक्य के अर्थशास्त्र में तो हाथियों की ट्रेनिंग के लिए एक पूरी गाइडलाइन दी गई है इसमें हाथियों के चार प्रकार बताए गए हैं
फॉर एलीफैंट ट्रेनें बल एलिफेंट
अनट्रेसेबल एलिफेंट और राइडिंग एलिफेंट इसमें चाणक्य आगे लिखते हैं की ट्रेनें बल
एलिफेंट की बहुत ज्यादा करनी चाहिए इन हाथियों को युद्ध क्षेत्र में उठने बैठने
दौड़ने और हमले से बचने के लिए ट्रेन कैसे करना है ये भी अर्थशास्त्र में लिखा गया
है इन हाथियों की देखभाल के लिए एलिफेंट डॉक्टर्स ट्रेनर्स एक्स्पो राइडर्स के साथ
साथ तुम्हारे कल हार की नौकरी पर गए थे चार तो यहाँ तक लिखते थे की हर राजा को
अमीर यार दोस्त डेढ़ घंटा बहुत ही घोड़ों और रथों की देखभाल के लिए देना चाहिए राजा
को एलिफेंट फॉरेस्ट को बढ़ाने पर भी ज़ोर देना चाहिए उस दौर में तो हाथियों की हत्या
करने वाले पर बड़ा जुर्माना भी लगाया जाता था हिस्टोरियंस के हिसाब से मैं हाथी
दांत का भी व्यापार होता था ऐसा बताया जाता है कि कालिंग से गेहूं चावल आइरन कूल
और टिंबर के अलावा हाथी भी एक्सपोर्ट किए जाते थे भारत और विश्व भर में हाथियों का
विशेष महत्त्व था उनके युद्ध क्षमता और लेबर क्षमता के लिए हाथियों को या तो युद्ध
में दुश्मन के खिलाफ़ इस्तेमाल किया जाता था या फिर साइट्स पर उनकी मदद ली जाती थी
श्री लंकन रिसर्च पेपर्स पर नजर डालें तो पता चलता है कि श्रीलंका की हिस्टरी में
भी हाथियों का मेजर रोल था उन्हें स्टेट एलिफेंट या मंगल हाथी कहा जाता था राजा भी
हाथियों की सवारी करते थे हाथियों को फेर के लिए विशेष रूप से किया जाता था ग्रीक
राइडर में खास थीम्स लिखते हैं कि श्रीलंका का तो हाथियों के एक्सपोर्ट के लिए
जाना जाता है इन श्री लंकन एलिफेंट के इतने डिमांड थी कि इन्हें दूसरे देशों में
एक्सपोर्ट भी किया जाता था हाथियों को इम्पोर्ट करने वाले देशों में से एक था
मैरीटाइम फसिलिटी को देखकर ये बात सच भी लगती है ऐसा बताया गया है कि आज के मन्नार
और पहले के मन थाई पोर्ट से इन हाथियों का एक्सपोर्ट होता था इस सबके अलावा एक और
खास रीज़न था कि उस वक्त के राजा हाथियों को क्यों इतनी इम्पोर्टेन्स देते थे चलिए
हम आपसे एक सवाल पूछते हैं आपकी कार कौन सी है जल्दी ही हमें कमेंट बॉक्स में आपके
दिमाग में इस वक्त कई सारी कार्स खूब रही होगी ऑडी बीएमडब्ल्यू रोज़ और ना जाने कौन
सी लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की हमारी कार हमारा स्टेटस सिंबल होती है हम
लगातार अपने वेहिकल को अपडेट करना चाहते हैं हमारे पास गाडी है हम हमेशा उससे
बेहतर गाड़ी ड्राइव करना चाहते हैं तो फिर उस जमाने के राजा इस शौक से कैसे दूर रहते
भाई वो तो राजा थे जिनके पास दुनिया की तमाम दौलत थी आपको जानकर हैरानी होगी कि उस
वक्त हाथी की सवारी करना एक स्टेटस सिंबल हुआ करता था तभी तो घोड़े खच्चर को छोड़कर
कई राजा हाथियों पर घूमने निकलते थे युद्ध के मैदान में राजा हाथियों पर बैठकर
युद्ध करते थे इसके कुछ खास रीज़न थे पहला ये कि हाथी इतने ऊंचे जानवर थे की उनकी
सवारी करना एक शान की बात होती थी दूसरा की की हाथी इतने ऊंचे होते थे कि युद्ध के
मैदान में राजा के लिए सबसे सेफ ऑप्शन्स होते थे और तीसरा ये कि हाथियों को
संपन्नता की निशानी माना जाता था जिंस राजा के पास जीतने हाथी वो उतना ही संपन्न
इन हाथियों से राजाओं के ऐम्बिशस जुड़े होते थे कलिंग की इस कहानी में जानेगे ऐसे
ही वीर योद्धाओं और राजाओं के बारे में पर गाने की कहानी इस महान राजा के बिना
अधूरी है हम बात कर रहे हैं चन्द्रगुप्त मौर्य के बारे में अगले एपिसोड में जानेगे
उनकी कहानी
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